पिता भावना हैं , संवेदना हैं, एहसास हैं।
पिता जीवन रुपी फूल में महक का वास हैं।
पिता रोते हुए बच्चे का बांहों रुपी पलना हैं।
पिता रेगिस्तान में मीठा सा झरना है ।
पिता नया जीवन देने का एहसान हैं।
पिता त्याग है , तपस्या है , पूजा हैं।
पिता कलम है, दावत है, स्याही है।
पिता अनुष्ठ है, साधना है, जीवन का हवन है।
पिता जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन है।
पिता काशी हैं, काबा हैं और चारो धाम हैं।
पिता चिंता हैं, याद हैं, हिचकी हैं।
पिता जीवन की कडवाहट मैं अमृत का प्याला है।
पिता पृथवी है, जगत है, धुरी हैं।
पिता बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है।
पिता का महत्व दुनिया में कम नहीं नहीं हो सकता ।
तो मैं ये पंक्तिया अपने संसार के सबसे प्यारे पिता के नाम करती हूँ।
और इस जन्हा के सारे पितो को शत शत प्रणाम करती हूँ।
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