हमारे देश में नारी को देवी का दर्जा दिया जाता है पर क्यूँ इसकी वजह है नारी के आभूषण उनके द्वारा हम क्यूंकि उन आभूषण के द्वारा उनके अर्थ भी समझाते हैं।
इसलिए प्रत्येक नारी को चाहियेकी आभूषण धारण करने के साथ वो उन आभूषण के अंतर्गत निहित अर्थ सन्देश को भी हृदयगम करें, ताकि उस आभूषण का नाम सार्थक हो सके।
पान या मेहँदी - लाज की लाली बनाये रखे ।
काजल - शील का जल नैनों में रखे ।
नथ - मन को नाथे , नियंत्रित रखे , जिससे नाक ऊँची रहे।
बिंदी - बुराई को छोड़ दे ।
टीका - ध्यान रखे की यश का टीका ही लगे कलंक का नही ।
वन्दनी - पति एवं गुरुजनों की वंदना करे ।
पत्ती - अपनी तथा की लाज रखे।
कर्णफूल - कानो से दूसरो की प्रंशसा सुने ।
हंसली- हमेशा हसमुख रहे ।
कंठहार - पति के गले का हार बने।
कड़े - किसी से कड़ी बातें न बोले ।
छल्ले - किसी से छल न करे।
पायल - सभी बड़ी बूढी औरतो के चरण स्पर्श करे ।
इसलिए प्रत्येक नारी को चाहियेकी आभूषण धारण करने के साथ वो उन आभूषण के अंतर्गत निहित अर्थ सन्देश को भी हृदयगम करें, ताकि उस आभूषण का नाम सार्थक हो सके।
पान या मेहँदी - लाज की लाली बनाये रखे ।
काजल - शील का जल नैनों में रखे ।
नथ - मन को नाथे , नियंत्रित रखे , जिससे नाक ऊँची रहे।
बिंदी - बुराई को छोड़ दे ।
टीका - ध्यान रखे की यश का टीका ही लगे कलंक का नही ।
वन्दनी - पति एवं गुरुजनों की वंदना करे ।
पत्ती - अपनी तथा की लाज रखे।
कर्णफूल - कानो से दूसरो की प्रंशसा सुने ।
हंसली- हमेशा हसमुख रहे ।
कंठहार - पति के गले का हार बने।
कड़े - किसी से कड़ी बातें न बोले ।
छल्ले - किसी से छल न करे।
पायल - सभी बड़ी बूढी औरतो के चरण स्पर्श करे ।
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