नाम से नहीं ,
काम से हो जिसकी पहचान।
पुरुस्कारों से नहीं,
योग्यता से जो हो जीता।
प्रश्नों के हलो से नहीं,
सहनशीलता से है बुद्धिमता।
नकली कलाओ से नहीं,
जीवन जीने की कलाओं से है वो कलाकार।
युद्ध जीतने से नहीं,
दिलो के जीतने से बनता है योद्धा ।
वह है एक मनुष्य अपनाये यह गुण
जो है इसके विपरीत वह मनुष्य नहीं शरीर है ।
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