Friday 13 April 2012

साहस

मन के किसी गहरे कोने में 
सोया एक बीज पड़ा है
उसमे रहस्य सृष्टि के
जीवन का अमरगान 

वह साहस है.....
जो उग आता 
अंधियारे की चट्टानों को तोड़ 


आज के युग में व्यक्ति अत्याधिक सफल होना चाहते हैं। उनमें से अधिकतर लोग बिना जोखिम के उठाये ऊंचाई प्राप्त करना चाहते है जो कि नहीं हो पाता।
यह बात एक दम सत्य है -
More Risk - More Failure, More Success
No Risk  - No Failure, No Success
        एक बार एक राजा ने अपनी बेटी का स्वयंवर रचा। राजकुमारी बहुत सुन्दर व बहुत साहसी थी। दूर-दूर से राजकुमार, सेना नायक, धनपति लोग उस स्वयंवर में हिस्सा लेने आये। जब सब जनता एकत्रित हो गयी तो राजा ने उन्हें एक तालाब के किनारे ले गये। उस तालाब में बहुत से मगरमच्छ तैरते दिख रहे थे। बीच-बीच में कुछ सिपाही मछलियां फेकते, कोई मगर कूदकर उसे लपक लेता बाकी मगर उस मगर से मछली छीनने के लिए झगड़ा करते, मगरों की लड़ाई और आवाज का बहुत भयानक दृश्य था। राजा ने घोषणा की कि जो व्यक्ति इस तालाब को तैर कर पार कर लेगा उस व्यक्ति से राजकुमारी की शादी करा दी जायेगी और आधा राज्य दे दिया जायेगा।
तालाब के किनारे सैकड़ो लड़ते झगड़ते और मछली खाते मगर देखकर लोग तालाब में कूदने से डरते रहे। तभी एक साहसी युवक अपनी जान की परवाह ना करते हुए तालाब में कूद पड़ा। एक मगर उसकी तरफ बढ़ा परन्तु युवक को तालाब के बीच जाते देखकर वह किनारे की तरफ लौट आया। उस युवक ने आसानी से तैरकर तालाब पार कर लिया शर्तानुसार उसका विवाह राजकुमारी के साथ कर दिया गया। राजा से किसी ने पूछा कि जब आपको मालूम था कि मगरमच्छ मछली भक्षी है     नर भक्षी नही तब भी आपने ऐसी शर्त कैसे रख दी ? तब राजा ने कहा बाहर के किसी भी व्यक्ति को यह बात मालूम नहीं थी, उस साहसी युवक को भी नहीं। फिर भी उसने राजकुमारी के लिए अपनी जान को जोखिम मे डाला अतएव उसे राजकुमारी मिलनी ही चाहिए थी।
साहसी लोगों का साथ लोग देना चाहते है साहसी लोगों के नेतृत्व मे लोग काम करना चाहते हैं। साहसी व्यक्ति ही नये एवं अपारंम्पारिक तरिके से कार्य को अंजाम दे पाते है और बढ़कर बड़ी सफलता प्राप्त करते है। यदि आप छोटी-मोटी सफलता से प्रसन्न है तथा आपको अपनी काबिलियत से कम सफलता में भी संतोष है या विफलता से डरते है तो मेरी बातों पर बिल्कुल ध्यान न दें क्योंकि
''साहस के बिना अत्याधिक सफलता असंभव होती है''

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