Saturday 14 April 2012

कर्म ही सच्ची प्राथर्ना है



जिन्दगी कितनी लम्बी है ये बात महत्वपूर्ण  नहीं है ,महत्वपूर्ण है की जिन्दगी कितनी अच्छी है।

इस सृष्टि का रचियता ईश्वर है। वह  हमारी आवाज सुनता है। हमारे प्रशन के उत्तर देता है । हम उससे जो भी मांगते हैं वो हमारी मनोकामना पूरी करता है । जब हम किसी समस्या  में होते हैं, तो वह हमारी समस्या को सुलझाने की कोशिश करता है। हमे सही और गलत की राह दिखाता है। वह हमे अंधकार की तरफ जाने से रोकता है वो हमे ज्ञान की रौशनी दिखाता है।


जरा गौर से पदिये बाइबल की ये लाइन 
आप मांगो ईश्वर आपको देगा,
 आप खोजना शुरू करो ।
ईश्वर उसका पता देगा।
आप खटखटाओ ईश्वर आपके लिए द्वार खोलेगा    बशर्ते हमे थोडा सब्र करना चाहिए क्योंकि श्रीमद भागवत गीता मैं  श्री कृष्ण ने भी कहा है   कर्मन्देय्वाधिकारास्ते मा फलेषु कदाचन.... अर्थात इन्तजार का फल मीठा होता है....................incomplete hai

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