Tuesday 20 March 2012

पिता हैं तो



पिता जीवन हैं,  शक्ति हैं,
पिता सृष्टि में निर्माण की अभिव्यक्ति हैं ।


पिता उंगली पकडे बच्चे का सहारा हैं ,
पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है।

पिता पालन है पोषण है परिवार का अनुशाशन है,
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन हैं।


पिता रोटी है, कपडा है, मकान है,
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान हैं।

पिता अप्रदर्शित अंनंत प्यार है,
पिता है तो बच्चो को इंतजार है।

पिता से ही बच्चो के ढेर सारे सपने हैं,
पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने हैं।

पिता से परिवार में  प्रतिपल राग है,
पिता से ही माँ के बिंदी और सुहाग है।

पिता एक जीवन को जीवन को जीवन का दान है,
पिता दुनिया दिखने का एहसान है।

पिता सुरक्षा है अगर सिर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है।

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,
उनका अपमान नहीं उन पर अभिमान करो ।

क्योंकि माँ- बाप की कमी को कोई बाँट नहीं सकता ,
और ईश्वर भी उनके आशीर्वादों को काट नहीं सकता।

विश्व में  किसी भी देवता का स्थान दूजा है,
माँ - बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है।

विश्व में किसी भी तीरथ की यात्रा व्यर्थ है,
यदि बेटे बेटी के होते माँ-बाप असमर्थ हैं।

वो खुशनसीब है माँ-बाप जिनके साथ होते हैं,
क्योंकि माँ बाप के आशीषो के हजारो हाथ होते हैं  

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