Wednesday, 11 April 2012

अधूरी दास्ताँ


अधूरी है ये जिंदगी
अधूरी है हर दास्ताँ
अधूरी है ये साँसों की डोरी
क्योंकि खिचे इसे कोई अपनी ओर

हमारी जिंदगी में हमे लाखो लोग मिलते हैं कुछ ज्यादा अच्छे होते हैं तो कुछ कम। लेकिन हमारे जीवन में प्रत्येक दिन कितने ही ऐसे लोग ऐसे मिलते हैं जिन्हें हम चाह कर भी नहीं भुला सकते हैं। वो लोग होते ही कुछ ऐसे हैं उनक व्यवहार उनकी बातें हर चीज़ उनकी एक याद बनकर रह जाती और वो लोग हमे छोड़ कर चले जाते हैं । क्योंकि ये जिंदगी एक समय का पहिया है जिसमे दिन ढलते हैं, और हर इन्सान को इसके साथ चलना पड़ता है । और वो इसी की वजह से आगे निकल जाते हैं। पर वो हमारी जिन्दगी  में एक छाप छोड़ जाते हैं।वो लोग अक्सर हमे  ऐसी राहों में मिलते हैं जो राहें हमारे लिए अनजानी होती हैं ।तो फिर उन राहो के राही भी हमारे लिए अनजाने बन कर रह जाते हैं । उनकी एक मुलाकात ऐसी होती है की हमारा दिल तो चाहता है की वो हमारे हमसफ़र बन जाये । लेकिन जिन्दगी का सफ़र बहुत लम्बा है। कोई कंही रह जाता है तो कोई कंही । वो लोग हमे  ढूँढने से भी दुबारा नहीं मिलते । पर फिर भी हम उनसे मिलाना चाहते हैं। हम उनको याद करते हैं लेकिन वोम हमेशा के लिए खो जाते हैं। जो हमे दोबारा कभी नहीं मिलते हैं। क्योंकि वो ओनी मंजिल की ओर निकल जाते हैं। और हम अपनी मंजिल की ओर । इस तरह फिर भिचाद जाते हैं दो राही अनजानी राहों में । और बनती है एक और अधूरी दास्ताँ
आपने सुना भी  होगा................


अक्सर इस दुनिया में अनजाने मिलते हैं
अनजानी राहों में  मिलके खो जाते हैं 
लेकिन हमेशा वो याद आते हैं।
स्वरचित (neha singh 11-april2012)

 

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