आखिर कब तक इण्डिया के हाथो से वर्ल्ड कप दूर रहता एक दिन उसे इंडिया आना ही था वो कर दिखाया धोनी की टीम ने । और आखिर मैं धोनी ने लास्ट छक्के के साथ इंडिया को वर्ल्ड कप दिलवा ही दिया. धोनी का तो जवाब नहीं
कप्तानी का उदाहरण है धोनी : कर्स्टन
भारतीय टीम के निवर्तमान
कोच गैरी कर्स्टन ने कप्तान महेंद्रसिंह धोनी की जमकर तारीफ करते हुए कहा
कि कप्तान ने न सिर्फ उदाहरण पेश करते हुए अगुआई की और मैदान पर अपना
सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की बल्कि टीम के हारने पर उन्हें सबसे ज्यादा
दु:ख भी हुआ।
कर्स्टन
ने कहा धोनी ने कप्तानी में उदाहरण पेश किया। मैंने कभी ऐसा खिलाड़ी नहीं
देखा जो प्रत्येक मैच में जीत के लिए हर संभव कोशिश करता है। वह एक
संपूर्ण व्यक्ति है। मैंने कभी उसे अपना आपा खोते हुए नहीं देखा। वह
जिम्मेदारी लेना पसंद करता है और जब टीम हारती है तो सबसे अधिक दु:खी वही
होता है।
उन्होंने
कहा कि वह महान कप्तान है। वह अगले कुछ वषरें तक कप्तान बना रहेगा, इसमें
कोई संदेह नहीं है। कर्स्टन ने जब भारतीय क्रिकेट में कोचिंग का पद संभाला
तो उन्हें इसका पिछला अनुभव नहीं था। दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व क्रिकेटर
ने कहा कि वह ऐसा माहौल तैयार करना चाहते थे, जिसमें टीम खुश रहे और
इसकेलिए वह बहुत हद तक स्टार बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर पर निर्भर थे।
उन्होंने
कहा मानव प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण होता है। आपको क्रिकेटर को अपना
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का मौका देना होता है। यह प्रत्येक को समझने,
उनकी क्षमताओं पर काम करने और उनकी तकनीक को बदले बिना उनमें सुधार करना
है। कर्स्टन ने कहा मैं ऐसा माहौल तैयार करना चाहता था जिसमें टीम खुश रहे
और टीम की तरह महसूस करे। इस मामले में सचिन मेरेलिए नेतृत्वकर्ता थे।
उन्होंने
कहा कि यदि तेंडुलकर 2015 विश्वकप तक खेलते हैं तो यह काफी अच्छा रहेगा
लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि तब तक वह उम्रदराज हो जाएँगे और अब वह सोच
समझकर आगे की योजना बनाएँगे। 2015 तक सचिन 42 साल के हो जाएँगे। मुझे
लगता है कि (यदि वह विश्वकप में खेलते हैं) यह अच्छा रहेगा। वह संन्यास
नहीं लेना चाहते क्योंकि वह खेल का लुत्फ उठा रहे हैं। मुझे उन पर गर्व है
लेकिन उनकी उम्र बढ़ रही है और आगे उन्हें यह योजना बनानी होगी कि किस मैच
में खेलना है और किसमें नहीं।
कर्स्टन
ने कहा उनकी तैयारी काफी अच्छी थी और उसने अपनी गेंदबाजी पर कड़ी मेहनत
की। युवी के 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' बनने से मुझे उस पर काफी गर्व है।
विश्वकप को याद करते हुए इस कोच ने कहा कि उन्हें खुशी है कि टीम ने ग्रुप
चरण में जो भी मैच खेला वह करीबी रहा क्योंकि इसने टीम को नाकआउट चरण के
लिए तैयार किया।
कर्स्टन
ने कहा कि वह भारत आते रहेंगे और भविष्य में किसी आईपीएल टीम को कोचिंग
देने पर भी विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा मैं निश्चित तौर पर भारत आने
पर विचार करूँगा। कोचिंग के नजरिये से निश्चित तौर पर आईपीएल एक जरिया है।
लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं क्या करने वाला हूँ।
यह
पूछने पर कि क्या उन्हें तुनकमिजाज तेज गेंदबाज एस. श्रीसंथ से निपटने में
दिक्कत होती है, जिन्हें लेकर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी हाथ खड़े कर
चुके हैं। उन्होंने कहा पैडी ने श्रीसंथ के साथ काफी समय बिताया है। वह
काफी कुशल है। श्री को अपनी निरंतरता पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने
हमारे लिए लगातार सात टेस्ट खेले हैं और वह अहम था। श्रीसंथ अगर अपने
क्रिकेट को अगले स्तर पर नहीं ले जाता तो यह प्रतिभा को व्यर्थ करना है।
कर्स्टन ने भारतीय प्रशंसकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें उतना ही
सम्मान दिया जितना उनके खिलाड़ियों ने।
भारतीय
कोच ने स्वीकार किया कि टीम इंडिया के कोच के रूप में दक्षिण अफ्रीका टीम
के विश्वकप से बाहर होने से वह खुश थे लेकिन वह अपने देश के लिए दु:खी थे।
कर्स्टन ने अपने देश की मीडिया से भी अपील की कि टीम को चोकर कहना बंद कर
दिया जाए।
उन्होंने
कहा दक्षिण अफ्रीकी मीडिया जब चोकर का ठप्पा लगाती है तो मुझे चिंता होती
है। जब विरोधी मीडिया ऐसा करे तो मुझे समझ में आता है लेकिन आपकी मीडिया
को ऐसा नहीं करना चाहिए। मैं उनके लिए दु:खी हूँ। ग्रीम स्मिथ ने कहा यह आसान नहीं है, हम प्रयास कर रहे हैं और यह सच है कि यह आसान नहीं है।
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