मां जिन्दगी है , साँसे है, धड़कन है, शक्ति है |
माँ धरती है, अम्बर है, सागर है, भक्ति है |
माँ के चरणों में जन्नत के जैसे अनुभूति है|
माँ सृष्टि में शिशु के जीवन निर्माण की अभिव्यक्ति है |
माँ बचपन में बच्चो का सहारा है |
माँ है तो हँसता हुआ बचपन हमारा है|
माँ है तो सारा जग जीवन हमारा है |
माँ से ही तो धरती पर जन्नत का नजारा है|
माँ पालन है, पोषण है, हमारे जीवन का अनुशासन है|
माँ संसार के हर कोने में बिना राजनीति के चलनेवाला प्रेम का शासन है |
माँ हर दिल में, हर नजर में चलने वाला प्रेम का प्रशासन है|
माँ भूख है, प्यास है, हर जीवन की आस है |
माँ भोजन है, पानी है, कपडा है, मकान है|
माँ हम नन्हे परिंदों का बड़ा आसमान है |
माँ इस जीवन का अप्रदर्शित प्यार है|
माँ है तो सबकी आँखों में इंतजार है |
माँ है तो सभी के जीवन में दुलार है|
माँ एक जीवन को जीवनदान है |
माँ से ही दिल के धडकने का एहसास है |
माँ है तो जीवन में खुशियों का अरमान है |
माँ से ही दुनिया देखने का मिलाता वरदान है |
माँ के साये में हमारी सुरक्षा है|
माँ न हो तो जीवन मैं असुरक्षा है |
माँ सुरक्षा है अगर हमारे साथ है|
माँ के बिना तो हर पल अनाथ है|
माँ के जैसा दुनिया मैं कोई हो नहीं सकता|
माँ के आशीर्वाद का भगवान को भी ज्ञान है|
माँ का दर्जा भगवान से भी ऊँचा है|
माँ के सामने भगवान का स्थान कंहाँ पंहुचा है|
माँ को कभी कोई बाँट नहीं सकता |
भगवान भी माँ के आशीर्वाद को टाल नहीं सकता|
माँ के सामने सभी तीर्थ व्यर्थ है
माँ है तो संसार में हर व्यक्ति समर्थ है|
माँ के बिन तो येया संसार व्यर्थ है |
माँ से ही पृथ्वी , अम्बर, सागर प्रकृति, और इस दुनिया का हर अर्थ है|
स्वरचित कविता
नेहा सिंह
1 comment:
Nice poem...
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