काश कि ,चुप से झरने का स्वर हमारे मन में भर जाये ।
काश कि ,चुप से हमारे जीवन का रहस्य गहरा जाये..
काश कि, चुप से ये गम के बादल ढल जाये..
काश कि ,चुप से हर इन्सान का सुख बढ़ जाये..
काश कि , चुप से बदल सुख कि वर्षा कर जाये ।
काश कि, चुप से राहों का हर पत्थर हट जाये..
काश कि, चुप से नभ से एक तारिका टूट कर गिर जाये..
काश कि, चुप से ये धरती पर अम्बर से एक फ़रिश्ता आ जाये ..
काश कि, चुप से ये सब कुछ हो जाये..
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