वॉशिंगटन।।
मानव रहित स्पेस एक्स कैप्सूल अपना पहला वाणिज्यिक भार (पेलोड)
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक पहुंचाने के बाद सोमवार को
प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित उतर गया।
अमेरिका स्थित स्पेस एक्स की वेबसाइट पर पोस्ट बयान में कहा गया है कि 18 दिन के मिशन के तहत कैप्सूल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 450 किग्रा सामान पहुंचाया और वहां से 758 किग्रा आपूर्ति, हार्डवेयर, कुछ वैज्ञानिक परीक्षण और उनके परिणामों की जानकारी लेकर स्थानीय समयानुसार रात बारह बज कर 52 मिनट पर पैराशूट की मदद से पानी में उतर गया। अब गोताखोरों का दल इसकी तलाश कर रहा है।
स्पेस एक्स का अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ 1.6 अरब डॉलर का करार है और उसे अंतरिक्ष के 12 दौरे करने थे जिसमें पहला दौरा संपन्न हो चुका है।
अंतरिक्ष उद्योग के निजीकरण के अमेरिका के प्रयासों में स्पेस एक्स को मील का पत्थर माना जा रहा है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष अभियानों को किफायती बनाना और सरकारों से आगे इनके दायरे को विस्तृत करना है।
कैप्सूल में मौजूद एक अंतरिक्ष यात्री ने रविवार को इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग कर पृथ्वी के लिए रवाना किया था। इसकी अगली उड़ान जनवरी 2013 के शुरू में होने की संभावना है।
अमेरिका स्थित स्पेस एक्स की वेबसाइट पर पोस्ट बयान में कहा गया है कि 18 दिन के मिशन के तहत कैप्सूल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 450 किग्रा सामान पहुंचाया और वहां से 758 किग्रा आपूर्ति, हार्डवेयर, कुछ वैज्ञानिक परीक्षण और उनके परिणामों की जानकारी लेकर स्थानीय समयानुसार रात बारह बज कर 52 मिनट पर पैराशूट की मदद से पानी में उतर गया। अब गोताखोरों का दल इसकी तलाश कर रहा है।
स्पेस एक्स का अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ 1.6 अरब डॉलर का करार है और उसे अंतरिक्ष के 12 दौरे करने थे जिसमें पहला दौरा संपन्न हो चुका है।
अंतरिक्ष उद्योग के निजीकरण के अमेरिका के प्रयासों में स्पेस एक्स को मील का पत्थर माना जा रहा है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष अभियानों को किफायती बनाना और सरकारों से आगे इनके दायरे को विस्तृत करना है।
कैप्सूल में मौजूद एक अंतरिक्ष यात्री ने रविवार को इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग कर पृथ्वी के लिए रवाना किया था। इसकी अगली उड़ान जनवरी 2013 के शुरू में होने की संभावना है।