Sunday, 27 January 2013

भारत ने पानी के अंदर से छोड़ी मिसाइल

भारत ने रविवार को पानी के अंदर से छोड़ी जाने वाली न्यूक्लियर क्षमता वाली बैलेस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया। इसे बंगाल की खाड़ी के किसी किसी प्लैटफॉर्म से छोड़ा गया। अब भारत विश्व के उन देशों की कतार में खड़ा हो गया है जिनके पास यह टेक्नॉलजी पहले से ही थी। रूस, अमेरिका, चीन और फ्रांस के पास यह क्षमता पहले से ही थी।

भारत के पास अभी तक जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की तकनीक थी। इस टेस्ट के बाद अब पानी के अंदर से भी मिसाइल छोड़ने की क्षमता हासिल कर ली गई है। इस मिसाइल को किसी भी सबमैरीन (पनडुब्बी) से छोड़ा जा सकता है।

डीआरडीओ के चीफ वी. के. सारस्वत ने टेस्ट एरिया के किसी अज्ञात स्थल से मीडिया को बताया कि मीडियम रेंज की के-5 बैलेस्टिक मिसाइल का टेस्ट आज सफलतापूर्वक कर लिया गया। इस दौरान टेस्ट फायरिंग के सभी पैरामीटर्स का पालन किया गया

save girl child save world

                                                     
O' MOTHER BECAUSE OF YOUR SILENCE I AM KILLED TODAY. WHY YOU GAVE THE RIGHT TO THE PEOPLE TO KILL ME WHEN I WAS SAFE IN YOUR WOMB THINKING MY MOTHER IS THERE TO PROTECT ME.WHY ARE YOU CRYING NOW? MA IF YOU WOULD HAVE GIVEN ME BIRTH I COULD ALSO SEE THIS WORLD AND WHOLE LIFE I COULD PROTECT YOUR EYES FROM TEARS. WHY MA WHY ?????????????? ????????? ? ????? ?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????//



















beauty of darzilling








Thursday, 15 November 2012

स्पेस एक्स कैप्सूल का पहला मिशन सफल

वॉशिंगटन।। मानव रहित स्पेस एक्स कैप्सूल अपना पहला वाणिज्यिक भार (पेलोड) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक पहुंचाने के बाद सोमवार को प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित उतर गया।

अमेरिका स्थित स्पेस एक्स की वेबसाइट पर पोस्ट बयान में कहा गया है कि 18 दिन के मिशन के तहत कैप्सूल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 450 किग्रा सामान पहुंचाया और वहां से 758 किग्रा आपूर्ति, हार्डवेयर, कुछ वैज्ञानिक परीक्षण और उनके परिणामों की जानकारी लेकर स्थानीय समयानुसार रात बारह बज कर 52 मिनट पर पैराशूट की मदद से पानी में उतर गया। अब गोताखोरों का दल इसकी तलाश कर रहा है।

स्पेस एक्स का अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ 1.6 अरब डॉलर का करार है और उसे अंतरिक्ष के 12 दौरे करने थे जिसमें पहला दौरा संपन्न हो चुका है।

अंतरिक्ष उद्योग के निजीकरण के अमेरिका के प्रयासों में स्पेस एक्स को मील का पत्थर माना जा रहा है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष अभियानों को किफायती बनाना और सरकारों से आगे इनके दायरे को विस्तृत करना है।

कैप्सूल में मौजूद एक अंतरिक्ष यात्री ने रविवार को इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग कर पृथ्वी के लिए रवाना किया था। इसकी अगली उड़ान जनवरी 2013 के शुरू में होने की संभावना है।

Friday, 19 October 2012

8 best memorable moment





1: Giving the 1st salary to ur parents.

2: Thinking your love with tears.

3: Looking old photos & smiling.

4: A sweet & emotional chat with friends.

5: Holding hands with your loved ones for a walk.

6: Getting a hug from one who cares you.

7: 1st kiss to your child when he /she is born.

8: The moments when your eyes are filled with tears after a big laugh.

10 Animals that Lived Longer than the Oldest Known Human









































Saturday, 13 October 2012

दहेज़ रुपी कफ़न

क्या होता है रंग कफ़न का ,
यही कहेंगे हम उजला रंग होता है कफ़न का,
गाढ़ दिया मिटटी में पर रहा ज्यों का त्यों,

पुरुष हो या स्त्री सफ़ेद ही होगा कफ़न, 
पर देखा है इन आँखों ने लाल रंग का कफ़न,

थी एक अर्थी गुजरती  अन्दर था लाल जोड़ा ,
सपना था एक लड़की का दहेज़ रुपी कफ़न ने तोडा,

रोते हैं ज्यादा लड़की को जन्म  देने वाले,
 लेते जो हैं दहेज़ लड़की को ब्याहने वाले ,

जब गुजरी  अर्थी तो कफ़न नहीं था वो दुलहन का जोड़ा,
हाथो में थी मेहंदी पैरो में था माहवार थोडा ,

लड़की ने बाप ने दिया जो था दहेज़ थोडा,
उसी दहेज़ रुपी कफ़न ने जिंदगी का रुख मोड़ा    

सगाई टूटी और बारात भी न थी आई 
लड़की की आँखों में आंसू की लहर छाई,

बाप की बदनामी की चिंता लड़की को सताई ,
जाकर नदी किनार उसने छलांग लगाई,

दहेज़ रुपी कफ़न ने फिर एक और संख्या बढ़ाई,

डोली तो सजी नहीं अर्थी को सजा दिया,
मेहंदी की रंग की जगह खून का रंग चढ़ा  दिया ,

कहता किसको वो बाप अपनी व्यथा ,
बेटी के जाने के गम में बाप भी चल बसा,

कौन है जो सुनेगा हर गरीब की दास्ताँ,
मौन होकर समाज पत्थर की तरह है खड़ा ,

दहेज़ रुपी कफ़न ने लुटाया, जलाया, मिटाया, आशियाँ ,
क्यूँ नहीं है रहा है याद डर समाज को अपने फ़साने का,

लड़कियों से ही तो रोशन है जहाँ  तुम्हारा ,
लड़कियों का सौदा करना कान्हा का न्याय है तुम्हारा ,

नोट नहीं फूलों के हार पहनाना चाहिए,
बेटियों को बाग़ का फूल समझ अपनाना  चाहिए,

उठाना नहीं चाहिए फायदा गरीबों की लाचारी का,
बदल डालनी चाहिए ये प्रथा वास्ता  है सबको अपनी खुद्दारी का,

जिस दिन दहेज़  हद से बढ़ जायेगा ,
ये   धरती अम्बर स्थिर हो रुक जायेगा ,

तो  छेड़ दो लड़ाई दहेज़ रुपी कफ़न के खिलाफ,
अब लेना होगा दहेज़ लेने वालो से हर हिसाब.












स्वरचित  neha singh (21-3-2012)