Friday 7 September 2012

खगोलशास्त्रियों ने खोजा मानव के रहने लायक ग्रह

खगोलशास्त्रियों ने बौने लाल तारे ‘ग्लीज 163’ के पास मानव के रहने योग्य एक ग्रह की खोज की है.
सौरमंडल के बाहर स्थित ‘ग्लीज 163सी’ नामक इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से 6.9 गुना अधिक है और इसकी कक्षा में एक बार परिक्रमा की अवधि 26 दिन की है.
   
डेली मेल की खबर के अनुसार खगोलशास्त्रियों ने यूरोपियन सदर्न आब्जव्रेटरी के एचएआरपीएस टेलीस्कोप (हाई एक्यूरेसी रेडियल वेलोसिटी प्लैनेट सर्चर) का प्रयोग कर इस ग्रह को डोराडो नक्षत्र में 49 प्रकाश वर्ष दूर एक लाल तारे की परिक्रमा करते पाया.
   
शोधकर्ताओं ने कहा कि ग्लीज 163सी का आकार पृथ्वी की त्रिज्या का 1.8 से लेकर 2.4 के बीच हो सकता है. यह त्रिज्या क्रमश: इस पर निर्भर अंतरिक्षकरती है कि यह सुपरअर्थ ज्यादातर किसका बना है पत्थर का या पानी का.
   
‘सुपर-अर्थ’ सौरमंडल के उस ग्रह को कहते हैं जिसका द्रव्यमान पृथ्वी से ज्यादा हो लेकिन अरूण और वरूण से कम हो.
   
शोधकर्ताओं ने कहा कि हमें इस ग्लीज 163सी के वातावरण की प्रकृति का पता नहीं है लेकिन हम अनुमान लगा सकते हैं कि यह पृथ्वी के वातावरण का लघु संस्करण है. ऐसा मानने पर कहा जा सकता है कि यहां सतह का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस के करीब होगा.
   
शोधकर्ताओं के दल ने ग्लीज 163सी के अलावा एक और बड़े ग्रह ‘ग्लीज 163बी’ की खोज की है जो तारे की परक्रिमा नौ दिन में ही पूरी कर लेता है.